पागल नज़रे दिल दीवाना लगता है,
क्यों लग लग का प्यार दीवाना लगता है,
नजरो से जब ये नजरे मिल जाती है,
चारो तरफ से खोफ निशाना लगता है,
हुशन के सांचे में दुल्हन को सजाया है,
काशी मथुरा से ये सेहरा बन कर आया है,
मात पिता का सिर पर तेरे हर दम साया है,
तेरा ये जोड़ा अमीर रब ने बनाया है,
उनके दिल में आना जाना लगदा है,
फूल दुल्हन का प्यार दीवाना लगता है,
मैं तेरे आंचल के झूले में पली बाबुल,
जा रही हु छोड़ के तेरी गली बाबुल,
खूबसूरत ये फ़साने याद आये गये,
भूल कर भी हम तुम्हे न भूल पाए गये,
मुश्किल अक्षो को छुपना लगदा है
पागल नज़रे दिल दीवाना लगता है