धरती उपजे हीरे मोती माला परोए साईं,
बनके जोगी तू मलंगा मनके फेरे साईं,
साईं साईं ओ मेरे साईं साईं.....
बनेह कसोटी सुन्हार दी हट्टी घस घस परखे साईं,
उम्र गवई फेर न पाई बकरा बने कसाई,
मल मल दी काया तेरी धाग लगे न साईं,
बनके जोगी तू मलंगा मनके फेरे साईं,
साईं साईं ओ मेरे साईं साईं.....
तू मंदिर मैं काबा मेथो जोत जगे मेरे साईं,
क्यों मौला तू वांग पुकारे सब सुन्दा मेरा साईं,
मिटी दे विच मिल जाना मिटी मेरा साईं,
बनके जोगी तू मलंगा मनके फेरे साईं,
साईं साईं ओ मेरे साईं साईं......
सज स्वर के कंजरी बनके नचदा मेरा साईं,
पीर मनान नु यार चले रूठे न मेरा साईं ,
कमली आ मैं जुगनू तेरी हीर बने मेरा साईं,
बनके जोगी तू मलंगा मनके फेरे साईं,
साईं साईं ओ मेरे साईं साईं.......
रब नु धुंडन दुनिया चली मुके ना मेरा साईं,
पत्थर मूरत नानक राम सूली चढ़ गया मेरा साईं,
खूह दे विच तू जात सजन दिसदा मेरा साईं,
बनके जोगी तू मलंगा मनके फेरे साईं,
साईं साईं ओ मेरे साईं साईं.