मेरे शीश के दानी का सारे जग में डंका बाजे

मेरे शीश के दानी का सारे जग में डंका बाजे
ये बारे न्यारे है करता, भक्तो की झोली है भरता
इस वीर लसानी का सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीश के दानी का...

इस दुनिया में श्याम के जैसा कोई भी दातार नहीं,
जो मानगो वो मिल जाता है करे कभी इंकार नहीं ।
इस जोत नरैनी का सारे जग में डंका बाजे,
मेरे शीश के दानी का...

एक तीर से वीर आपने अद्बुत खेल दिखाया था,
याचक बन भगवान् पधारे, भेट में शीश चढ़ाया था ।
तेरी इस क़ुरबानी का सारे जग में डंका बाजे,
मेरे शीश के दानी का...

भूले से भी जो प्राणी मेरे श्याम शरण में आता है,
मेरे श्याम लगाते गले उसे, वो कभी नहीं ठुकराता है ।
तेरी अमर कहानी का सारे जग में डंका बाजे,
मेरे शीश के दानी का...

‘लाजपाल शर्मा’ ख़ास दास तेरा शहर दादरी वाला है
लख्खा का लखदाता बस एक तू ही खाटू वाला है ।
इष्टदेव मेरा दुनिया में बस एक तू ही खाटू वाला है ।
खाटू राजधानी का सारे जग में डंका बाजे,
मेरे शीश के दानी का...
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