अपनों जान के बाबा तने,दिल का हाल सुनावा जी
तू नहीं सुने तो इतनो बतादे,और कठे में जावाजी
अपनों जान के बाबा तने.......
सारी दुनिया बोले बाबा,सेठ बड़ो तू मोटो जी
इक मुठी में भर जासी,महारो पल्लो छोटो जी
याहि सोच के दोड्या दोड्या२ थारे दर पर आया जी
अपनों जान के बाबा तने.....
बिन मांग्या भी देवो सबने,म्हे तो दाता मांग रह्या
कृपा खातिर कीर्तन माहि,कई कई राता जाग रह्या
मीठा मीठा भजना सु म्हे,थाने रोज रिझावाजी
अपनों जान के बाबा तने.....
मन की बाता सांवरिये ने आज सुनाकर देख ले
सुन्सी सुनसी बाबो थारी,अरज लगाकर देख ले
मन की बाता सांवरिये ने.......
गली गली क्यू भटक रह्या हे श्याम खड्या तेरे आगे
थारी पीड़ा वो ही हरेगो, चलेगो थारे सागे
रोम रोम में श्याम रमाले फिर तमासो देख ले
मन की बाता सांवरिये ने.......
खाटू माहि लगी कचहरी श्याम करे सुनवाई जी
सांचो न्याय चुकातो आयो,जाने पीर पराई जी
इने सुनादे बाता सारी,चरना माथो टेक ले
मन की बाता .......