रात रात नै जागूँ मैं तो नींदडली नही आवै रे
सपणे माही रामधणी थारी प्यारी सूरत आवै रे
एक रात नै रामदेव जी सपणे माही आवै रे
मेरे सिरहाणे बैठ्या रामसा सिर पै हाथ फिरावै रे
अगली रात नै रामदेव जी नीले चढ़ कै आवै रे
नीलो घोड़ो टप टप करतो म्हारै कानी आवै रे
अगली रात नै रामदेव जी खुद स्यू ना रुक पावै रे
मिठो मिठो बोल रामसा हंस कर के बतलावै रे
साचम-साची बात रामसा लिख कै रवि बतलावै रे
महिमा थारी गाय सुनीता सगळ्या नै सुनावै रे
रात रात नै ......
लेखक:-रवि शर्मा(श्रीगंगानगर) 7062534590
गायिका:- सुनीता जी बागड़ी (श्रीगंगानगर)