तेरे दर्श की प्यासी हैं अखियाँ, दे दे मैया दीदार हमें॥
इक बार तू अपने मुख से मां, अपना कह के पुकार हमें॥
जीवन की नाव पुरानी है, मीलों तक गहरा पानी है
इस जग के भवसागर से मां, आ कर के लगा दे पार हमें
तेरे दर्श की प्यासी हैं अखियाँ, दे दे मैया दीदार हमें
इक बार तू अपने मुख से मां, अपना कह के पुकार हमें
तेरा ही एक सहारा है,
बिन तेरे कौन हमारा है,
मां तू भाई जो अगर ठुकरा देगी, फिर कौन करगे प्यार हमें
तेरे दर्श की प्यासी हैं अखियाँ, दे दे मैया दीदार हमें
इक बार तू अपने मुख से मां, अपना कह के पुकार हमें
इतना सा दे वरदान हमें, भक्ति का दे दे दान हमें
सोने चांदी के दौलत के, क्या करने हैं भण्डार हमें
तेरे दर्श की प्यासी हैं अखियाँ, दे दे मैया दीदार हमें
इक बार तू अपने मुख से मां, अपना कह के पुकार हमें
तेरे दर्श की प्यासी हैं अखियाँ, दे दे मैया दीदार हमें॥
इक बार तू अपने मुख से मां, अपना कह के पुकार हमें॥