लेके संजीवन चले आओ हनुमान जी

मेरे भाई के बचालो आके प्राण जी
लेके संजीवन चले आओ हनुमान जी
मेरे भाई के बचालो आके प्राण जी

केहना ये मेरा अब मानो बजरंगी
शक्ति को अपनी पहचानो बजरंगी
कोई संजीवनी लाये नही पायेगा
लक्ष्मण को मेरे बचा नही पायेगा
मुझको दान देदो लक्ष्मण के प्राण जी
लेके संजीवन चले आओ हनुमान जी

तेरे जैसा कोई न जहां में बलिवन है
लखन बिना ये सारा सुना जहां है,
अवध पूरी में अब वापिस न जाऊँगा
हुआ जो लखन को कुछ मैं भी मर जाऊँगा
अब तुम ही करो मेरा कलयाण जी
लेके संजीवन चले आओ हनुमान जी

भराता लखन जी के प्राण मैं बचाऊ गा ,
क्या है संजीवनी पूरा पर्वत ले आऊंगा
लेके संजीवन हनुमान चले आये है
देखे जामवंत सुग्रीव् मुश्काए है
तुम सा देव नही कोई भी महान नही
गगन दीप का भी तुम से नाम जी  
लेके संजीवन चले आओ हनुमान जी
download bhajan lyrics (683 downloads)