हारे का सहारा बाबा दिन है या रात है
श्याम जी बैठे है फिर चिंता की क्या बात है
लाखो है भगत जिन्होंने खाये है धोखे
एक बार देखो जरा बाबा के होके
भूल जाओ जो भी पगले हुआ तेरे साथ है
कोई कहे बेटा बहु बड़े ही नालायक रे
कोई कहे घाटा पड़ा बड़ा दुखदायक रे
देर से सही पर मेरा थाम लिया हाथ है
पूरी तरह सुखी नहीं कोई दुनियादारी में
मजा है कमल सिंह बाबा श्याम जी की यारी में
जाग गयी किसमत समझो नहीं प्रभात है