माहरी सूद बुध रहे न बसमाई नैना सु नैना जद भी मिले,
माँगन ताहि श्याम धनि से मैं मंदिर में आवा,
रूप सलोना देखा पाछे कुछ भी न कह पावा,
म्हारो मनड़ो घणो ही सुख पाए,
नैना सु नैना जद भी मिले,
माहरी सूद बुध रहे न बसमाई
मोटा मोटा नैन श्याम का अमृत रस बरसावे
मैं तो खड़ा चुप चाप रेवा श्याम हुकम फरमावे,
लागे सांवरियो बोले पतराये नैना सु नैना जद भी मिले,
माहरी सूद बुध रहे न बसमाई
कोई कवे मने बाप सांवरो कोई श्याम मिजाजी,
शिवम् श्याम चरना को चाकर चरना में ही राजी,
बिन बोले ही सब मिल जाए,
नैना सु नैना जद भी मिले,
माहरी सूद बुध रहे न बसमाई