मुझ से न रूठो राधा मुह मोड़ के जाओ न
ओ राधिके दिल तोड़ के जाओ न
तेरे बिना राधा नही किसी को भी देखू
सब जानती हु पिए
जान से भ ज्यादा मैंने चाहा है तुझको मानती हो ना प्रिये
प्यार हमारा टूटे न तुम छोड़ के जाओ न
ओ राधिके दिल तोड़ के जाओ न
तन में भी तुम हो मन में भी तुम हो
जीवन में तूम ही हो
वादा है तुम्ही से है हमारा प्रेम कभी न कम हो
कान पकड़ ता हु मैं राधा छोड़ के जाओ न,
ओ राधिके दिल तोड़ के जाओ न
दुनिया ये जब भी प्यार करेगी याद करेगी हम को
कृष्ण कन्हियाँ कहे गी मुझको राधा कहेगी तुझको
सच जो कहा है राधा तो फिर लौट के आओ न
ओ राधिके दिल तोड़ के जाओ न