तू देने वाली माँ , ये सारी दुनियाँ भिखारी है
दुनियाँ भिखारी है , ये सारी दुनियाँ भिखारी है
जगजननी काली माँ , वैष्णो संकट हारी है
द्वार पे जो भी अलख जगाये,
सब कुछ अम्बे तुमसे पाये,
जिसने मना ली माँ , उसी की किस्मत सवारी है ,
तीनो लोक झुके तेरे द्वारे ,
कर देती हो वारे न्यारे,
महिमा निराली माँ , सभी भक्तो ने पुकारी है ,
हम पे भी कृपा बरसादो,
कष्ट दूर करके हर्षा दो,
झोली है खाली माँ , भरो ये आशा भारी है,
टेर सुनो माँ दुर्गे महामाई,
कहे भूलन तेरी ज्योत जगाई,
पूजा की थाली माँ , भेट सब इसमे तुम्हारी है ,