सिंघ पे बैठी चली आइयो माई जगदम्बा.....
सिर पे मुकुट सजाये अइयो,
माई जगदम्बा,
और माथे पे बींदीया,
माई जगदम्बा,
सिंघ पे बैठी चली आइयो.......
नाके नथुनिया सजाये लइयो,
माई जगदम्बा,
कान में कुंडल सोने के,
माई जगदम्बा,
सिंघ पे बैठी चली आइयो.......
कण्ठ में हार सजाये अइयो,
माई जगदम्बा,
और हाथो में चूड़ियाँ,
माई जगदम्बा,
सिंघ पे बैठी चली आइयो.......
लाल चुनरिया डारे अइयो,
माई जगदम्बा,
डोरा पायल और बिछिया,
माई जगदम्बा,
सिंघ पे बैठी चली आइयो.......
लाल लाल फूलन के हरवा,
माई जगदम्बा,
राजेन्द्र चाहे चरण धूल,
माई जगदम्बा,
सिंघ पे बैठी चली आइयो.......
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी