राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान
घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे ।
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले |
हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे ||
काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के ।
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार, उदास मन काहे को करे ||
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा ।
डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदास मन काहे को करे ||
गर निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है ।
जरा भावना से कीजिये पुकार, उदास मन काहे को करे ||
एल्बम - प्रेमांजलि पुष्पांजलि