हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारम्बार,
तुम ही करता तुम ही धरता तुम ही पालन हार,
हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारम्बार…..
तुम करुणा के सागर हो मैं करुणा की प्यासी,
एक झलक दिखला दो प्रभु दर्शन की अभिलाषी,
तुम ही कश्ती तुम ही सागर तुम ही खेवन हार,
हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारम्बार…..
चरण तुम्हारे पारस है पत्थर में प्राण जगा दे,
छुलें जिसको नज़र तुम्हारी उसके भाग्य जगा दे,
तुम ही माया तुम ही मुक्ति तुम ही प्राण आधार,
हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारम्बार……