तेरे भरोसे सँवारे हर काम हो रहा
चुप चाप किया तूने मेरा नाम हो रहा,
मर्जी चले जो तेरी चले जोर मेरा भी,
जो भक्त का हो फेंसला होता वो तेरा भी,
सौंपी जो तुझे डोर तो आराम हो रहा,
चुप चाप किया तूने मेरा नाम हो रहा,
तेरी शरण में जो रहे उसको न हो फ़िक्र,
शरणागति पे रहती है हर पल तेरी नजर,
हिर्दय भगत का तेरा खाटू धाम हो रहा,
चुप चाप किया तूने मेरा नाम हो रहा,
करता है तू अनहोनी को भी होनी सँवारे,
तू चाहे तो चलती है रेत पर नाव रे,
चोखानी की जुबा पे श्याम श्याम हो रहा,
चुप चाप किया तूने मेरा नाम हो रहा,