कब तक उठाएगा तू गम का भोज
चल माँ के दर पर पायेगा मौज
कैसा करिश्मा है मैया के दर
सब की ही मिट ती है चिंता फिकर
कितनो के सिर याहा झुकते है रोज
चल माँ के दर पे पायेगा मौज
देश विदेश में है माँ का नाम
कौन है जिसका बना नही काम
भगतो की आती है लाखो में फ़ौज
चल माँ के दर पे पायेगा मौज
बाते बतादे तू माँ को सभी
देर न कर चल शर्मा अभी
इतना भी रणजीत तू मत सोच
चल माँ के दर पे पायेगा मौज