जिसकी किरपा से मनती मेरी रोज दीवाली है,
वो और नही प्यारे माँ शेरावाली है,
सचे दिल से मैं माँ का शुकर मनाती हु
माँ दोडी आती है जब भी मैं बुलाती हु,
जो ममता की मूरत बड़ी भोली भाली है,
वो और नही प्यारे माँ शेरावाली है,
मेरे जीवन में हर पल खुशियाँ माँ देती है
और बदले में मुझसे कुछ भी न लेती है,
बिन मांगे मेरी झोली जो भरने वाली है,
वो और नही प्यारे माँ शेरावाली है,
भीम सेन मिलता मुझे प्यार जो मैया का
मैं कभी नही भूलू उपकार ये मैया का
मेरी जीवन भगियाँ की मैया करती रखवाली है,
वो और नही प्यारे माँ शेरावाली है,