माँ भगवती जगदम्बिके नारायणी दुर्गे,
अपने इस बालक को वरदे वरदे ।।
रोग, शोक, अज्ञान, पाप को,
माया के विविध विलाप को,
संसार के घोर ताप को,
सब पीड़ा को हरले, सब पीड़ा को हरले,
माँ भगवती जगदम्बिके नारायणी दुर्गे ।
धन संपदा, भक्ति, ज्ञान का,
अतुल वैभव, शक्ति, मान का,
सदा निरन्तर तेरे गुणगान का,
वर दायनी वरदे, वर दायनी वरदे,
माँ भगवती जगदम्बिके नारायणी दुर्गे ।
बालक की ये विनम्र प्रार्थना,
जाए यूँ ही व्यर्थ मात ना,
ममता की ही रखले लाज ना,
हरिशरण कहे सुनले, हरिशरण कहे सुनले,
माँ भगवती जगदम्बिके नारायणी दुर्गे ।