तेरे चरणों में शीश में झुकाऊं,
तेरे ही गुण गाऊं ओ माता मेरी लाज रख ले,
लाज रख ले और किसके द्वारे पर मैं जाऊं,
मैया जी मेरी लाज रख ले...... मां
तेरे चरणों में शीश में झुकाऊं..........
मिलता नहीं जो कहीं सारे संसार में,
मिलता है वह तेरे सच्चे दरबार में,
तेरे भरे हैं भंडारे शेरोवाली तू जग से निराली,
है पूजे संसार तुझको,
संसार तुझको ओ मैया ऊंचे पहाड़ों वाली,
है पूजे संसार तुझको............. मेरी मां
तेरी ज्योत का है पुजारा कन कन में,
तू ही करें दूर अंधियारा एक क्षन में,
बुझे दिलों को तु रोशन करें है,
जो दुखों से भरे हैं, मा उन को तू देती है खुशी,
देती है खुशी जोता वालिए तू झोलियां भरे हैं,
मां भक्तों को देती तू खुशी....... मेरी मां
आया लेकर आस मैया मैं भी तेरे द्वार पर,
बालक नादान पर तू कर उपकार दे,
मुख बाल्को से कभी ना मा मोड़े,
मां करती है प्यार सबको,
कभी बीच मझधार में ना छोड़े,
मां करती है प्यार सबको...... मां
करूं मैं आराधना सवेरे श्याम तेरी मां,
होकर तू दयाल बेड़ी पार कर मेरी मां,
तेरे द्वार से ना जाऊंगा मैं खाली,
ओ मेहरो वाली मां सुन ले तू मेरी विनती,
खड़ा दर पर यह लक्खा है सवाली,
मां सुन ले तू मेरी विनती..........