अपने कर्म से अपने कर्म की मेरे साईं भीख दे
मेरे भी खाबो में कोई थोड़ी सी ताबीर दे
मैं तो बस इतना जानू तेरे दर्शन वो करे तू जिसे तरीक दे
भीख दे साईं भीख दे अपने कर्म की भीख दे
कुछ को अच्छा लगता है कुछ को वो खनका है
तु राजी तो जग राजी एसी हम को सीख दे
भीख दे साईं भीख दे अपने कर्म की भीख दे
सबर से पूछे हर पल हर दम जो कुछ है वो है मस्ती में
आओ तुम को मैं बतलाऊ मेरे दिल की इस बस्ती में
इक बंजारा आता है गीत वही वो गाता है
भीख दे साईं भीख दे अपने कर्म की भीख दे