चलो रे चलो रे भगतो साईं की नगरियाँ,
देखो कैसा अमृत बरसे बाबा की दुवरियां,
सब कुछ छोड़ दे बंदे बाबा के सहारे,
ऐसा सबुरी और जग में कहा रे,
दर्शन को करके दुःख की खाली हो गगरियाँ,
देखो कैसा अमृत बरसे बाबा की दुवरियां,
बाबा के धाम का तू हो जा मत वाला,
हर पल हर समय तू फेर साईं माला,
भूल के भी भूल न पाये बाबा की डगरिया,
देखो कैसा अमृत बरसे बाबा की दुवरियां,
शिर्डी में जाके जब तू द्वारिका को जायेगा,
ढूंढे गा जब साईं को तुझे नजर आयेगा,
साईं तुझे ढूंढ लेंगी शर्मा की नजरियाँ,
देखो कैसा अमृत बरसे बाबा की दुवरियां,