मेरा इक साथी है वसा है जाके शिरडी में ,
मैं जब भी याद करू आता है मेरे सपनो में,
जब जब दिल ये उदास होता है,
मेरा शिरडी वाला मेरे पास होता है,
साई शरण में आके मैंने सब पाया,
जीवन का मोल मुझे समज अब आया,
साई मेरा इतना न्यारा है सब के दुखो का तारणहारा है,
मेरा इक साथी है वसा है जाके शिरडी में ,
दी जीवन की डोर साई के हाथो में,
मिला साहरा मुझको हर हालातो में,
मेरा तो घर बार साई हवाले है तन मन मेरा बस साई पुकारे है,
मेरा इक साथी है वसा है जाके शिरडी में ,
शिरडी समाधी मंदिर इतना प्यारा है,
जीवन का मिटता यहाँ अँधियारा है,
पावन धुनि साई ने जलाई है ,
लाखो की पीड़ा दूर भगाई है,
मेरा इक साथी है वसा है जाके शिरडी में ,