हे माँ जगदम्ब भवानी विनती करू मैं बारम बार
मेरे घर आँगन खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ
बड़ी ही दयालु मैया दया बरसाती हो
करुना की खान माँ तुम ममता लुटाती हो,
जगजननी जय जय माँ तेरी महिमा अपरम्पार
मेरे घर आँगन खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ
रोग सोक संकट माता पल में मिटाती हो
हर घर में माँ तू ही खुशहाली लाती हो,
भय को दूर भगाती माँ भव से करती पार
मेरे घर आँगन खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ
कितनो का माँ तूने मेहल तन वाया है
निर्धन को पल में धन वान बनाया है,
जिस पे किरपा हुई तेरी उसकी भी जय जय कार
मेरे घर आँगन खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ