तर्ज - तेनु इतना में प्यार करा
चुरू धाम जो में आ गया
बाबोसा में तेरा हो गया
तेरी भक्ति का छाया है शुरुर
जो ना सोचा था वो हो गया,
मैं तेरे दर आया हूं बाबोसा ,
ये झूठी दुनिया छोड़के
मैं तेरे चरणों मे पड़ा हूं ,
ये सारे बंधन तोड़के,
तू जो न मेरे पास था , सुनी थी मेरी जिंदगी,
कर दे अब ऐसी कृपा , महसूस न हो कमी,
हरपल साथ ही रहना है , रिस्ता तुमसे जोड़के,
मैं तेरे चरणों मे पड़ा हूं , ये सारे बंधन तोड़के
मैं तेरे दर आया हूं बाबोसा ....
"दिलबर " की है ये कामना , ये दर तेरा न छूटे
रूठे अगर ये जँहा , पर तु कभी ना रूठे ।
के दिल मे हमने बसाया है , प्रीत की चादर ओढ़के
मैं तेरे चरणों मे पड़ा हूं , ये सारे बंधन तोड़के
✍️ रचनाकार ✍️
दिलीप सिंह सिसोदिया
❤️ दिलबर ❤️
नागदा जक्शन म.प्र .