घने घने जंगला च रेहँदी माता मेरिये,
देखने का सुन्दर नज़ारा हो,
सुहा सुहा चोला माता अंग विराजे,
केसर तिलक लगाया हो,
घने घने..........
नंगे नंगे पैरी मैया अकबर आया,
सोने दा छतर चढ़ाया हो,
घने घने.......
पान सफारी माता धवजा नारियल,
कइने कइने माता तेरा भवन बनाया हो,
घने घने........
चोटस पौड़ी माता चडया ना जावे,
दूर तो जय जय कारा हो,
घने घने........