श्याम चरणों में तेरे बंदगी मैं करू
बन के दीवाना तेरा दर बदर मैं फिरू
तू ही सांसो में रमा जा मेरे दिल में समा जा
और कुछ न जानू मैं बस इतना ही जानू
तुझसे मेरा नाता है श्याम धनि मैं क्या करू,
मुझको तू बाता है श्याम धनी मैं क्या करू
विनती है मेरी बन जाए न कोई तूने नजरो से मुझे ठग लिया
तेरी खामोशी मुझे तरसाए इक नशा मुझ पे यु छा गया
तू ही मेरी महोबत तू ही मेरी हकीकत
और कुछ न जानू मैं बस इतना ही जानू
तुझसे मेरा नाता है श्याम धनि मैं क्या करू,
होले होले आये मुझे सेहलाये
कतरा कतरा मेरा बोलता
मैं जो गबराऊ मैं जो डर जाऊ दिल के जख्मो को तू ही चूमता
तू ही मेरी नजाकत तू ही मेरी नकासत
और कुछ न जानू मैं बस इतना ही जानू
तुझसे मेरा नाता है श्याम धनि मैं क्या करू,
मैं बेसहारा फिरू मारा मारा
मैंने सब कुछ नजर कर दियां
मुझे न गवारा तेरा करुना किनारा
तुने मुझको पनाह में ले लिया
तू ही दिल की अमानत मेरे गम की इबादत,
और कुछ न जानू मैं बस इतना ही जानू
तुझसे मेरा नाता है श्याम धनि मैं क्या करू,