मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ

मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ,
मैं सीधा सा मानस सीधी बात बताऊ तने,
भोग लगाउ वो ही कान्हा जो दे रेया मने,
ना जणू मैं सेवा तेरी ना ही पूजा पाठ,
मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ,

मोती भुधि वालो में मोटो रोट बनाओ,
देख के खिचड़ी डर मत जायो फीकी रावडी लाइयो,
जीम चाव सु आ कर कान्हा फेर बिछादू खाट संवारा देख रहो थारी बात,
मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ,

तेर सुनी धना की जीब से बोलायो श्याम कन्हाई,
ऐसी चीज मनवर ना मैंने आज तलक खाई,
आज से तेरो बन गयो हारी कल त्रिलोकीनाथ,
मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ,

भगत भडो भगवान से रोमी साँची बात बतावे,
चोखानी तू प्रीत लगा ले कान्हो प्रीत निभावे,
धन्ना की भक्ति से भगतो पड़ लियो प्रेम का पाठ,
मैं भोला सा जाट संवारा तेरा ऊचा ठाठ,
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