फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली
शीश मुकट नैनो में है गजरा फूलो का केशो में सोये है गजरा
गल माला फूलो वाली
फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली
हार गुलाबी है लाल चुनरियाँ फूलो से सजी देखो माँ की दुआरियां
टिका लगा दू लेलु बलाईया लग न जाए कही माँ को नजरिइया
फूलो के शिंगार में दिखती माँ की छटा निराली
फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली
माथे पे बिंदिया चम चम चमकती
हाथो में चूड़ी खन खन खनकती
कानो में कुंडल नाक में नथनी पाओ पैजनियाँ छन छन छनकती,
मंद मंद मुस्कान तो देखो माँ की भोली भाली
फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली
गेंदा गुलाब कही चम्पा चमेली
देखो क्या सज रही माँ की हवेली
तरहा तरहा के इतरो की खुशबु
देखो भवन की छटा है निराली
सिर से पाओ तक फूलो में है आज मेहरावाली
फूलो में सज रही है ओ देखो माँ शेरावाली