ग्यारह महीने बीत गए अब कार्तिक आया है
ओ श्याम का जन्मदिन आया है
कोई लाया खीर प्रशाद चूरमा कोई इत्तर लाया
कोई लाया फूल हार लाया कोई कोई छतर लाया
हर प्रेमी के लिए उपहार लाया है
ओ श्याम का जन्मदिन आया है
कलकत्ते से रंग बिरंगा बागा सिलवाया
जयपुर से प्यारा गोटा माँगा कर इसमें लगवाया
दर्शन करने के लिए चाँद धरती पे आया है
ओ श्याम का जन्मदिन आया है
मिश्री मावे का केक बनाकर खाटू में ले आया
रंग बिरंगे फूलों से हमने दर को भी सजवाया
चारों कोनो से बाबा तेरा सेवक आया है
ओ श्याम का जन्मदिन आया है