श्याम तुम्हारे श्री चरणों में करते है सत सत नमन
पूजा अरचन नंदन वंदन सब तेरा तुझको अर्पण
कीर्तन में आ चाँद सितारे अपनी शान समजते है
रंग बिरंगे फूल धरा पर पंशी प्यारे चेह्कते है
सुबह शाम नित धडवत करता इस धरा पे आके गगन,
श्याम तुम्हारे श्री चरणों में करते है सत सत नमन
मर्यादा हमे सिन्धु सिखाता धीरज भीलनी के भगती,
पापी अधर्मी कंस को तारे रावन को देदे मुक्ति
संत कबीर सूर्ये दास का धन्य किया तूने जीवन
श्याम तुम्हारे श्री चरणों में करते है सत सत नमन
हिमालया जैसा साहस भर दो श्याम किरपा हम पर करके
मीरा के जैसे मस्त रहू मैं प्याला हला हल पी कर के
गोपाल हमारे संग में रहो तो रास रचाए होके मगन
श्याम तुम्हारे श्री चरणों में करते है सत सत नमन