सोहनी सूरत वालेया आ अखिया विच डेरा ला,
मोहनी मूरत वालेया हसदा हसदा मुख विखला,
चीरा दुकानदा तेरिया पाइया मूल ना मेरिया,
दो अखिया दी वेनती सहनु तू इतना ना तरसा
सोहनी........
अखिया ओले आसन तेरा तुआ वे ते मिटे अन्हेरा,
मेरे चन्द्रमां की तू काली रात हटा,
सोहनी........