मेरी ज़िन्दगी ये सारी जिसके हवाले है
मेरी धड़कनो में है जिसका नाम है समाया
वो है सिर्फ तू वो है सिर्फ तू .............
जिसने बदल दी मेरे हाथों की रेखा
जिसको तो मैंने मन की आँखों से देखा
वो है सिर्फ तू वो है सिर्फ तू .............
जिसको अपना मान के जीवन सौंप दिया है सारा
सुख दुःख में दिन रात ही जिसको मैंने यहाँ पुकारा
जोड़ लिया है जिससे नाता जो है सारे जग का दाता
वो है सिर्फ तू वो है सिर्फ तू .............
जब जब मैं हारी हूँ जग से उसने साथ निभाया
जब जब मुश्किल आन पड़ी तो उसको उसको संग में पाया
उससे जो पहचान हुई है हर मुश्किल आसान हुई है
वो है सिर्फ तू वो है सिर्फ तू .............
जिसने मेरी दुनिया बदल दी घर परिवार बनाया
जो चाहा परिवार ने मेरा उसने वही दिलाया
दास मनुज है उस मालिक का चलता जहाँ में सिक्का जिसका
वो है सिर्फ तू वो है सिर्फ तू .............