भोर भई जब सूरज निकले सिन्दूरी रंग छाये
पवन के संग संग पंछी बोले मयूर मन मेरा गाये
मन यही गाये जय श्री श्याम .....
जय हो जय हो जय हो श्री श्याम
कलयुग का तू ही अवतारी पूजे तुझको दुनिया सारी
जग का तू ही पालनहारी तेरी महिमा जग से न्यारी
तेरी कृपा का गूँज रहा है दुनिया में जैकारा
हारे का सहारा जय श्री श्याम .....
जय हो जय हो जय हो श्री श्याम
नाम यही जो सबके काम सँवारे
तू श्याम नाम को मन में बसा ले
सरस सुहावन सबके मन को भावन
तू श्याम के संग में प्रीत लगा ले
शयन मान मोती को तू साँसों की माला बना ले
भाग जगा ले ....जय श्री श्याम .....
जय हो जय हो जय हो श्री श्याम