आये है श्याम बाबा नीले सवार होके
मेरे घर से अब ना जाना कहती हूँ मैं रो रो के
मेरे घर है बाबा आए खुशियां हज़ार लाये
आँखों की पुतलियों में मेरे श्याम हैं समायें
जीवन की डोर बाबा सब छोड़ दी हैं तो पे
मेरे घर से अब ना जाना कहती हूँ मैं रो रो के
मेरे घर का हर एक कोना सूना पड़ा था मोहन
तूने जो कदम डाले है झूम उठा आँगन
सब पा लिया है बाबा मैंने तो तेरा होके
मेरे घर से अब ना जाना कहती हूँ मैं रो रो के
राखी की अर्ज़ी बाबा रिश्ता यूँ ही निभाना
राधिका की अर्ज़ी बाबा रिश्ता यूँ ही निभाना
जब भी तुम्हे पुकारूँ तुम दौड़े चले आना
महक गया है तन मन मस्ती में तेरी खो के
मेरे घर से अब ना जाना कहती हूँ मैं रो रो के