जिसकी नैया राम भरोसे डोल भले सकती है
डूब नही सकती है ,
जिसकी नैया राम भरोसे डोल भले सकती है
मत गबराना तू संकट आये है,
संकट भी इक दिन जाल बिछाएगे,
तू है प्रेमी राम लला का तुझपर असर न होगा
बाल न बांका होगा
देर भले हो जाए गाडी छुट नही सकती है
डूब नही सकती है ,
सुनहु भरत भाबी प्रबल दिल की कहू मुनि नाथ,
हानि लाभ जीवन मरन यश उप्वश विधि आ गेयु,
कहे हनुमंत विपति प्रबु सोही जब तब सुमिरन भजन न होई
जई विधि होई नाथ हित मोरा करहु सोवेग दास मैं तोरा
केलाश देवेंदर साथ रहेगे गुरु बिर्ज मोहन से देर न हो सकती
डूब नही सकती है ,