पेहले नही देखा कैसे हो भरोसा
इतना बता हनुमान तेरी राम जी से क्या पहचान
कौन सी घड़ी में कौन सी जगह पर हुई तेरी मुलाक़ात
किस कारण से मेरे प्रभु ने रखा तुम को साथ
नार वानर का मेल हुआ कैसे कौन सा किया तूने काम
तेरी राम जी से क्या पहचान
तुझको तेरे राम मिलेगे माँ ने कहा बचपन में
सीता को रावन हर लेंगा भटके गे वन वन में
चला जा शरण में साथ रहना वन में राम जी की सेवा तेरा काम
मेरी राम जी से यही पहचान
गया शरण में रघुराई की अपना शीश निभाया
मुझे मेरी जात न पूछी अपने गले लिपटाया
वनवारी अनसु लगे है टपकने जपने लगे सिया राम
राधू पति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम भज प्यारे मन सीता राम
मुदरिका दिखाई गा के सुनाई राम का कहानी महान
माता सीता ने लिया पहचान