एक का मतलब एक राम है दो से दुनिया दारी,
तीन से तीनो लोक चलत है राम की महिमा न्यारी,
चार से चारो धाम पांच से पांचो तख्त बलधारी,
जैसे छाओ धुप साथ से साधु संगत सारी,
सत्संगी वचनो से सुन कर मन होता सुखहारी ,
तीन से तीनो लोक चलत है राम की महिमा न्यारी,
आठ से आठो याम है पूजा नो से शुभ नवराते,
दस से दसो दिशाएं राम की और झूठी सब बाते,
राम शरण में इक दिन जाना सब को बारी बारी,
तीन से तीनो लोक चलत है राम की महिमा न्यारी,
ग्यारा की गिनती से गंगा शिव के शीश विराजी,
बारहा से भरमा और विष्णु हो जाते है राजी,
भागी रथ के जैसा घर में बन देख पुजारी,
तीन से तीनो लोक चलत है राम की महिमा न्यारी,
कभी न साथ निभाये तेरी मोह माया की गिनती,
बन जाएगा काज विरागी करले प्रभु से विनती,
सब के ही भंडार भरे वो सबका है भंडारी,
तीन से तीनो लोक चलत है राम की महिमा न्यारी,