बाटड़ल्या थारी जोवता,
म्हारी आखड्ल्या दिन रात,
आओ म्हारा साँवरा श्याम आओ ना,
मनड़े री बात कर ल्यां,
तो कोई कर लयाँ मनडे री बात,
जातो टाबरिया के सर के ऊपर,
हाथ धर ज्या श्याम आओ ना,
मनड़े री बात कर ल्यां,
आ ज्या रे आ ज्या रे,
म्हारा सेठ साँवरा आयां सरसी,
टाबरिया ने काळजे लगाया सरसी।
श्याम आओ ना मनड़े री बात कर ल्यां,
श्याम आओ ना
बाबलिया म्हाने ओळ्यू थारी आवे,
सारी सारी रात म्हाने नींद नहीं आवे,
व्याकुल मनड़ो धीर गँवावें,
कुण म्हाने आकर
गले सूं लगावे,
थोड़ी टाबरिया से,
जाण पिछाण कर ज्या,
जातो टाबरिया के सर के ऊपर,
हाथ धर ज्या,
श्याम आओ ना,
मनड़े री बात कर ल्यां,
श्याम आओ ना।
सांवरिया थारा लाड लडास्य,
आपस में आप बतलास्या,
कुछ सुण स्यां, कुछ थाने सुणास्यां,
गा गाकर बाबा थाने रिझास्यां
म्हारे हिवड़े री बात तू,
पूरी सुण ज्या,
जातो टाबरिया के सर के ऊपर,
हाथ धर ज्या,
श्याम आओ ना,
मनड़े री बात कर ल्यां,
श्याम आओ ना।
प्रेम की भाषा प्रेमी ही जाणे,
प्रेमी प्रेम की पीड़ पिछाणे,
आजा साँवरिया प्रेम निभाने,
कुण सो जतन करूँ,
थाने बुलाने,
थारे आया ही कालजे सिलाई पड़ ज्या,
जातो टाबरिया के सर के ऊपर,
हाथ धर ज्या,
श्याम आओ ना,
मनड़े री बात कर ल्यां,
श्याम आओ ना।