बेटी चली है ससुराल

बेटी चली है ससुराल , ओ ओ
अपने बाबुल की होती सदा लाडली

तीन कुलों की लाज है बेटी अब हाथ तुम्हारे
है ये दुआ मेरी जीवन में हों पूरे अपने तुम्हारे
रखना अपना घर खुशहाल ,

अपने बाबुल की होती सदा लाडली
सास ससुर पति और बड़ों की सेवा करना धर्म है
बेटी का लालन पालन शिक्षित करना ये पिता का धर्म है
जीवन सदा हो खुशहाल,

अपने बाबुल की होती सदा लाडली
घर बाबुल के बेटी है रहती महमान हो कोई
पूरा जीवन घर रख पाया नहीं बाबुल कोई
जाना सभी को ससुराल ,
अपने बाबुल की होती सदा लाडली
श्रेणी
download bhajan lyrics (608 downloads)