श्याम थारे द्वारे पे आया जग छोड़ के
अपना लो मुझको बाबा हारा सब ओर से
दिल में बहुत है बाबा दर्द तो मेरे
आकर संभालो मुझको सांझ सवेरे
मुझ पे भी करदे बाबा थोड़ा उपकार रे
अपना लो मुझको बाबा हारा सब ओर से
दुनिया है कहती तुमको हारे के सहारे
हार के हूँ मैं भी आया द्वारे तुम्हारे
पथ दिखला दे बाबा जाऊं किस ओर से
अपना लो मुझको बाबा हारा सब ओर से
विनती *मधु* की सुन लो अब तो मुरारी
आया हूँ दर पर तेरे बनके भिखारी
जाऊँ कहां मैं बाबा दर तेरा छोड़के
अपना लो मुझको बाबा हारा सब ओर से