पे बुला लो न बैठा इंतजार में
खाटू ले चालो माहने घर माहरे आये के
दिन रात माहने याद बस थारी आवे है
रुलावे तडपावे माहने घनिया सतावे है,
इब तो लेले बाबा खबर म्हारी आये के
खाटू ले चालो माहने घर माहरे आये के
दर्शन की प्यासी अखियाँ नीर बहावे है,
मनडो न लागे म्हारो मिलनों चाहवे है
आयेके सम्बालो इब थी न देर लगाये के
खाटू ले चालो माहने घर माहरे आये के
दासी मैं दर की थारी घनी ही पुरानी हु
थाणे ही जानू बस मैं थाणे ही मानु हु
तू ही दुनिया म्हारी खाऊ कसम खाए के
खाटू ले चालो माहने घर माहरे आये के
दर्श थारा पाके मैं तो चेन घना पाऊगी
झूमी गी नाचू मैं तो भजन सुनाऊ गी
अर्जी सुनावे विपिन पूजा संग गाये के
खाटू ले चालो माहने घर माहरे आये के