शिव की बारात बम लहरी

बम-बम बम-बम, अगड़ बम बबम,
बम-बम बम-बम ll

गौरां जी को चले हैं विआहने, शँकर जी त्रिपुरारी,
सजने लगी बारात भीड़, कैलाश जुड़ी है भारी l

विष्णु लक्ष्मी दोनों आए l बन के चले बाराती जी ll
इंद्र और इन्द्राणी आ गए l ले आए इरावत हाथी जी ll
हँस के ऊपर ब्रह्मा आए l संग में आए सरस्वती जी ll
भैंसे पर यमराज आ गए l अपने दूत साथ लाए ll
नारद जी भी आ पहुंचे हैं l कर में वीणा थे उठाए ll
सब गण शँकर जी के आए l शुक्र शनिचर संग लाए ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

शिव जी के गण आए पास में l शिव को फिर सजाने लगे ll
अंग भबूती रमा गई फिर l बाघंबर पहनाने लगे ll
सर्पों के कुण्डल कानों में l जटा का मुकट बनाने लगे ll
एक हाथ त्रिशूल एक से l डमरू फिर बजाने लगे ll
हाथों में सर्पों के कँगन l सिर ऊपर गंगधार वहे ll
जग को भयभीत बना सर्पों के l पहना गल में हार रहे ll
दूल्हा बना रहे बाबा को l फूल नादि अब डाल रहे ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

भूत पिशाच भी चले झूम के l कोई गोरा और कोई काला ll
दाँत किसी के बाहर निकले l कटे सिरों की थी माला ll
किसी की टाँग खज़ूर सी लम्बी l और कोई बड़े पेट वाला ll
*बावन भैरव छप्पन कलमें, झूम के ढोल बजावें थे l
चौंसठ योगन नाचे कूदें l गीत ख़ुशी के गावें थे ll
रीछ और बन्दर हाथी घोड़े l नाचें धुल उड़ावें थे ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

आगे भोले पीछे बाराती l बारात ग्राम को ले आई ll
ढोल नगाड़े बजते जाते l बाज रही थी शहनाई ll
इंद्र के दूतों ने झटपट l खबर नगर में पहुँचाई ll
*राजा हिमाचल ने अपने, सभी पँच फिर बुलवाए l
रल मिल के सब चलो साथ में l बारात गौरां की ले आए ll
सभी पँच तब हिमाचल के l करने को स्वागत आए ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

देखन को बरात आ गए l बच्चे बूढ़े नर नारी ll
भूत प्रेतों को देख देखकर l बच्चे मारे किलकारी ll
डर डरके बच्चे भागे और l पीछे भीड़ लगी भारी ll
*भागे भागे सारे बालक, मात पिता से आ बोले l
गौरां की बारात नहीं है l भूत प्रेत के हैं टोले ll
रूप भयंकर है इनका और l वह अदभुत बोली बोले ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

गौरां जी सखियाँ यूँ बोली l हम दूल्हे की करें आरती ll
जनवाशे में जाकर देखें l कैसे कैसे आए बाराती ll
अख्ख मचौली बगदी डम डम l कैसे कैसे घोड़े हाथी ll
अस्सी बरस का बुढा दूल्हा l देख के सखियाँ दुःखी हुई ll
बाघंबर की खाल थी ओढ़ी l राख़ बदन पर मली हुई ll
गले में सर्पों की माला थी l लम्बी दाढ़ी बढ़ी हुई ll
*भाग के सखियाँ घर आई, गौरां से जाए बखान किया l
हम ने जाकर जनवाशे में l तेरा दूल्हा देख लिया ll
तेरा पति भूतों का राजा l तुझे कुँए में फेंक दिया ll
इतनी उम्र तेरे दूल्हे की l बुढा खेड़ा भी छेक दिया ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

बात सुनी बूढ़े दूल्हे की l मैना को गुस्सा आया ll
नर्क में घर हो पंडित जी का l कैसा दूल्हा बतलाया ll
भाग फोड़ दिए मेरी बेटी के l जोड़ी का वर न पाया ll
*भिख़ मँगे संग मेरी गौरां, कभी न विआही जाएगी l
रोना होगा जिंदगी भर का l पल पल कष्ट उठाएगी ll
बुढ्ढा दूल्हा देख के गौरां l अपनी जान गँवाएगी ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

देख दुःखी माता अपनी को l गौरां ने नारद बुलवाया ll
शँकर जी को भेजो प्रार्थना l धीरे से यूँ फ़रमाया ll
कैसा खेल रचाया स्वामी l कैसी फैलाई माया ll
सख़ी सहेली ताहना मारे l बूढ़ा दूल्हा बतलाया ll
*रिश्तेदार सब हँसी उड़ावे, माता लगा मरे फांसी l
मान बढ़ाओ मात पिता का l लाज रखो हे अविनाशी ll
या तो स्वामी मुझे अपना लो l प्राण तजूँ मैं कैलाशी ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

इतने वचन कहे नारद ने l भोले तब मुस्काए थे ll
सोलह साल की उम्र बना ली l नाग भी दूर हटाए थे ll
मुण्डों की माला फेंक दी फिर l सुँदर रूप बनाए थे ll
मोह ली सारी नगरी भईया l ख़ुशी के ढोल बजाए थे ll
*बाजे मधुर बजे देवों के, परियाँ नाच रही सारी l
बच्चे बूढ़े ख़ुशी मनाते l नाच रहे सब नर नारी ll
राजा रानी ख़ुशी हुए l भोले की देख यह छवि प्यारी ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

शिव शँकर आए द्वारे पर l पीछे सारी बारात आई ll
जयमाला ले चली है गौरां l देख के सखियाँ मुस्काई ll
गौरां ने शिव को शिव ने गौरां को l झटपट माला पहनाई ll
*दूल्हा पहुँच गया मँडप में, गौरा पास बिठाई थी l
ब्रह्मा जी ने मंत्र बोलकर l वेदी तभी रचाई थी ll
फ़ेरे साथ पढ़े दोनों के, शिव संग शक्ति विआही थी ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

फूलों की वर्षा होने लगी थी l  फिर बारात को विदा किया ll
बैल नादिया सजा सजाकर l गौरां को ऊपर बिठा दिया ll
भोले बैठ गए गौरां संग l आगे नादिया बढ़ा दिया ll
अगड़ बम बबम, बगड़ बम बबम,
बबम बम बबम, बम लहरी ll

*कर्मपाल मंजू शर्मा ने, प्रेम से गाई शिव लहरी,
अगर कहीं त्रुटि हो गई तो, माफ़ करे शिव त्रिपुरारी l
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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