थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे

अइंया आंख ना दिखाओ थाने पाप लागे
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे

थोड़ा सा गोरा है थोड़ा सा काला है
गाँव गाँव और गली गली में गूँज रहे अफ़साने है
खाटू में जो सजकर बैठा हम उसके दीवाने है

खाटू में जो सज के बैठा
हम उसके दीवाने है

थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे

मिन्नत जमानो दोहरो पायो
जाग में बस अभिमान कामयो

ओ झूठे रोब ने दिखवान
में के धाक लागे

थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे
थारे सेठजी रो सेठ म्हारो बाप लागे

श्याम की माया श्याम ही जाने
रंक ने राजा पल में बानवे

तारे म्हारे में के अलग अलग के छाप लागे
तारे सेठ जी रो सेठ म्हारो बाप लगे

बस इतनी सी बात जानलो
“शुभम रूपम” थे गाठ बंधलो

सागे सागे सबके चलन में बड़ी शान लागे
थारो म्हारो सबको सेठ सांवरो सबको बाप लागे

Singar:- Harshit गौतम
(Kota Rajasthan)
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