साई ओ साई ,
छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया,
सारे नाते सारे बंधन सब मैं तोड़ के आया,
साई ओ साई ,
मात पिता क्या बेहना भाई मतलब की है सब ये सगाई,
मैंने तुझसे प्रीत लगाई जब मैं छोड़ के आया,
साई ओ साई ..........
मोह विलास का पापी दामन खींच न ले मेरा चंचल मन,
साई नाम की पावन चादर लो मैं ओड के आया,
साई ओ साई .......