( मिलती रहे तेरी रेहमते
तेरा प्यार मुझे
हर तरफ होता रहे तेरा दीदार मुझे
रहम नज़र करना। )
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
मुझे बख्श दे ओ साई,
मुझे बख्श दे ओ साई.. ऐसी निगाहें,
जहाँ भी जिदर में देखूँ,
नज़र तू ही आये,
जहाँ भी जिदर में देखूँ,
नज़र तू ही आये,
है परवाह नहीं ये सारी,
है परवाह नहीं ये सारी,
दुनिया क्या चाहे,
मैं करता रहूं वही जो,
मेरा साई चाहे,
मैं करता रहूं वही जो,
मेरा साई चाहे,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना।
कभी मैं तुझे माँ के आँचल में देखूँ,
कभी मैं तुझे पिता के साए में देखूँ,
की हर ओर प्यार तेरा बिखरा हुआ है,
तेरे नूर से जहाँ ये निखरा हुआ है,
के हर फूल में साई तू मुस्कुराये,
बहती हवाओं में तू ही आए जाए,
तू ही आए जाए..
मुझे बख्श दे ओ साई,
मुझे बख्श दे ओ साई,
ऐसी पनाहें...
मेरा गाँव भी ओ साई शिरडी हो जाए,
मेरा गाँव भी ओ साई शिरडी हो जाए,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना।
तू फैला के बाहें सबको खुशियाँ लुटाये,
कोई ईद तो कोई दिवाली मनाए,
तू ही चाँद में तू ही सूरज में साई,
है हर रंग में तेरी रंगत समाई,
है मालिक सभी का तू ही एक साई,
सभी को दुलारे तेरी द्वारका माई,
द्वारका माई..
इबादत तेरी हो या,
इबादत तेरी हो या,
पूजा हो चाहे..
तू अपनी दया सभी पे बराबर लुटाए,
तू अपनी दया सभी पे बराबर लुटाए,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना।
बने हर करम मेरा तेरी इबादत,
उठे वो कदम जिसमे तेरी इज़ाज़त,
हो मेरी रज़ा वही जो तेरी हो चाहत,
तुझे याद करना हर पल बने मेरी आदत,
ना इक पल भी साई तुझसे रहे कोई दुरी,
रहे हर घड़ी मन में श्रद्धा सबुरी,
श्रद्धा सबुरी..
मुझे बख्श दे ओ साई,
मुझे बख्श दे ओ साई,
तू ऐसी राहें..
जहाँ भी सफर ख़तम हो,
वो तुझसे मिलाए,
जहाँ भी सफर ख़तम हो,
वो तुझसे मिलाए,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना,
रहम नज़र करना,
ओ साई रहम नज़र करना.........