( दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई
जे सुख में सुमिरन करो दुःख कहे को होय। )
मुझको भूले हुए साई याद आने लगे,
दुःख जब मेरे हद से बढ़ जाने लगे,
मुझको भूले हुए साई याद आने लगे॥
अर्श से गिर गए तो गिरे इस तरह,
संभल जाने में हमको ज़माने लगे,
मुझको भूले हुए साई याद आने लगे॥
मन में है जिनके श्रद्धा सबुरी,
साई आस पूरी उनकी करने लगे,
मुझको भूले हुए साई याद आने लगे॥
जब भी राते अँधेरी हुई राह में,
साई लो बांके रह जगमगाने लगे,
मुझको भूले हुए साई याद आने लगे,
साई याद आने लगे.....
साई साई साई साई साई.....