बनडो सो लागे बाबो श्याम

श्याम तेरो रूप बन भायो जीयो हरशायो
कौन म्हारे श्याम ने सजायो बनडो सो लागे बाबो श्याम,

मोर मुकट माथे पे चमके
कुंडल भी काना महा धमके
केसर चंदन लगाओ जमके
सोनो सोनो तिलक लगायो और सुरमो घ्लायो
कौन म्हारे श्याम ने सजायो
बनडो सो लागे बाबो श्याम,

खूब खिलो है बागे को रंग
आज तेरो निरालो है ढंग देखो है जो भी रह जावे वो धंग,
मोटा मोटा गजरा पहरायो शतर लटकायो
कौन म्हारे श्याम ने सजायो
बनडो सो लागे बाबो श्याम,

बहुत घनो लगायो है इतर सज धज के बैठो है झुप्व्ल
लुन राई वारो लग जावे न नजर
आज म्हारे आनंद छायो और चाव है सवायो
कौन म्हारे श्याम ने सजायो
बनडो सो लागे बाबो श्याम,

अद्भुत है सजो शिंगार मुल्क रहो है लख दातार
नैना माहि छलक रहो प्यार
बिन्नू जो भी दर्शन पायो वो दुखड़ा बुलायो
कौन म्हारे श्याम ने सजायो
बनडो सो लागे बाबो श्याम,
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