स्थाई:-
दुनियादारी छोड़ दी है, तुमसे प्रीति जोड़ ली है,
तेरी मोरछड़ी के झाड़े से सब संकट कटते हैं
खाटू वाले श्याम धनी हम तुमसे प्यार करते हैं,
मैं घर से पहुँचा रिंगस और फिर हाथ निशान उठाया,
निशान उठा कर के बाबा तेरा जयकारा लाया,
एक लाल गुलाब लिया बाबा-तेरा ध्यान किया बाबा,
बड़े बड़े सब सेठ तेरा ही पानी भरते हैं
खाटू वाले श्याम धनी हम तुमसे प्यार करते हैं,
फिर तोरण द्वार आ गया जिसपर भीड़ लगी थी भारी,
तेरे नाम की मस्ती में सब झूम रहे नर नारी,
कई श्याम कुंड में नहा रहे थे-कई कढ़ी कचौड़ी खा रहे थे
तेरी नगरी गूँज उठती है जब जयकारे लगते हैं
खाटू वाले श्याम धनी हम तुमसे प्यार करते हैं,
फिर तेरे मंदिर के आगे बाबा खड़े हो गए जाके,
अमर हो गए साँवरिया हम तेरा दर्शन पाके,
नौकर तेरा बना ले ना-तेरे चरणों बीच बसा लेना,
हम आशिक़ है तेरे तेरी सूरत पे मरते हैं
खाटू वाले श्याम धनी हम तुमसे प्यार करते हैं,
हर ग्यारस को बाबा तेरे धाम पे चल के आऊँ,
विशेष भण्डेरी से बाबा तेरा कीर्तन भी करवाऊँ,
मेरा मन बोले अब चल खाटू-छोड़ आया मैं दिल खाटू
अब तेरी याद में सोते और तेरी याद में जगते हैं
खाटू वाले श्याम धनी हम तुमसे प्यार करते हैं !