म्हारे मन में बस गई रे सुरतिया श्याम तेरी
श्याम तेरी घनश्याम तेरी
म्हारे मन में बस गई रे...............
कजरारे तेरे नैना कारे मन को लागे प्यारे
शीश मुकुट कानो में कुण्डल पीताम्बर गल धारे
मेरी सुध हर ले गई रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गई रे...............
रंग सांवला सांवरिया का नैना बीच समायो
रूप अनोखो जादूगारो भक्तां के मन भायो
जादू सा कर गई रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गई रे...............
रूप तेरा देखन को बाबा देव तरसता सारा
ऐसो श्याम आज कलयुग में खाटू धाम पधारा
काँटा सी खटक गई रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गई रे...............
मातृदत्त जी रूप तेरा ने देख देख सुख पावे
श्याम सुन्दर भक्तों के संग में बाबा तने रिझावें
मस्तानो कर गई रे सुरतिया श्याम तेरी
म्हारे मन में बस गई रे...............