श्यामा तेरी नगरी मुझे जन्नत से प्यारी है,
देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है,
रेहना तेरे दर पे मुझे बन के पुजारी है,
देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है,
जब से झलक तेरी मेरी आँखों ने पाई है,
इक पल को भी प्यारे पलक न झपकाई है,
तू ही तेरी चोकठ पे संवारे तब से रमाई है,
तस्वीर तेरी मन के मंदिर में समाई है,
कुर्बान जान है तुझपे दिल तुझपे वारि है,
देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है,
हर शाम श्याम तुझको कीर्तन मैं सुनाऊ गा,
जैसे तू नचाएगा संवारे नाचे जाऊँगा,
मैं रोज गुलाभो से तेरा दरबार सजाऊ गा,
मैं ल्ख्दात्र मेरा रोज मैं तेरा प्यार पाऊंगा,
सब की तकदीर सवारी अब मेरी बारी है,
देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है,
तुझसे बड़ा नही कोई मैंने साहूकार नही देखा,
मेरे श्याम तेरे जैसा कोई दातार नही देखा,
तेरा द्वार जब से देखा मैंने कोई द्वार नही देखा,
झुकता इसी जग में सारा संसार नही देखा,
सब से बड़ी दुनिया में सरकार तुम्हारी है,
देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है,